Sunday 24 January 2016

चलो फिर से खुद को जगाते हैं;

चलो फिर से खुद को जगाते हैं;
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं;
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से;
ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते हैं।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

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